
✍️अजीत मिश्रा ✍️
सिद्धार्थ नगर:: उत्तर प्रदेश
बढ़नी, सिद्धार्थनगर: बिना योग्यता के कर रहा था सोनोग्राफी! उजागर हुआ बड़ा मेडिकल घोटाला
सिद्धार्थनगर: जनपद के बढ़नी कस्बे में स्थित बलरामपुर डायग्नोस्टिक सेंटर एक बड़े विवाद में घिरता नजर आ रहा है। यहां एक अप्रशिक्षित व्यक्ति हबीब खान द्वारा अवैध रूप से सोनोग्राफी किए जाने का मामला सामने आया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस गैरकानूनी कृत्य का वीडियो भी शिकायतकर्ता द्वारा रिकॉर्ड किया गया है, जो अब सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उक्त सेंटर पर डॉक्टर सौरभ गुप्ता की MBBS, MD (Pathology) डिग्री प्रदर्शित की गई है, जबकि डॉ. गुप्ता न केवल कई अन्य सेंटरों पर भी अपनी डिग्री का उपयोग कर रहे हैं, बल्कि उनके पास सोनोग्राफी करने का कोई वैध प्रमाणपत्र नहीं है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि यह सब स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और मिलीभगत से हो रहा है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी के अधीक्षक द्वारा अभी तक इस मामले की कोई जांच नहीं की गई है, जबकि जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर स्वयं पूर्व में निर्देश जारी कर चुके हैं कि जिले में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी ।
न्यू बलरामपुर डायग्नोस्टिक सेंटर में अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा सोनोग्राफी किए जाने का वीडियो सामने आया, एडवोकेट पिंकू शुक्ल ने जिलाधिकारी को सौंपा शिकायत पत्र।
जिले के न्यू बलरामपुर डायग्नोस्टिक सेंटर, बढ़नी से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक अप्रशिक्षित व्यक्ति हबीब खान द्वारा सोनोग्राफी किए जाने का आरोप लगा है। यह खुलासा तब हुआ जब एडवोकेट वाई.एन. उर्फ पिंकू शुक्ल ने स्वयं अपनी कराई गई सोनोग्राफी का करीब 10 मिनट का वीडियो बनाकर जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर को शिकायती पत्र सौंपा।
एडवोकेट पिंकू शुक्ल ने दावा किया है कि वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि हबीब खान, जो कि किसी भी तरह से प्रशिक्षित या पंजीकृत सोनोलॉजिस्ट नहीं हैं, स्वयं सोनोग्राफी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय जांच की स्थिति में वह पूरा वीडियो साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत करेंगे।
यह मामला न केवल चिकित्सा मानकों का उल्लंघन है, बल्कि PCPNDT एक्ट जैसी संवेदनशील कानूनी व्यवस्थाओं की अवहेलना भी हो सकता है। यदि आरोप सही पाए गए, तो यह स्वास्थ्य सुरक्षा और चिकित्सा नैतिकता की दृष्टि से अत्यंत चिंताजनक होगा।
जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर, जो अपनी निष्पक्षता और कड़ी कार्यप्रणाली के लिए जाने जाते हैं, के संज्ञान में मामला आते ही उम्मीद जताई जा रही है कि शीघ्र ही जांच के आदेश दिए जाएंगे और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर शिकायत पर कितनी तत्परता और पारदर्शिता के साथ कार्यवाही करता है। क्या स्वास्थ्य विभाग इस मेडिकल घोटाले पर कोई ठोस कार्रवाई करेगा या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा..?